bhairav kavach - An Overview

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डाकिनी पुत्रकः पातु पुत्रान् में सर्वतः प्रभु

गणाराट पातु जिह्वायामबिस्टाबीह शक्तिबी: सहा

भक्तियुक्तेन मनसा कवचं पूजयेद्यदि ॥ २५॥

ॐ ह्रीं विश्वनाथः सदा पातु सर्वाङ्गं मम सर्वदः ॥ १५॥

ॐ श्मशानस्थो महारुद्रो महाकालो दिगम्बरः ।

सम्पूजकः शुचिस्नातः भक्तियुक्तः समाहितः ।

वामपार्श्वे समानीय शोभितां वर कामिनीम् ।।

वाद्यम् वाद्यप्रियः पातु भैरवो नित्यसम्पदा ॥

पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः

ತಸ್ಮಾತ್ ಸರ್ವಪ್ರಯತ್ನೇನ ದುರ್ಲಭಂ ಪಾಪಚೇತಸಾಮ್



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